आजकल जिस तरह से रूस और यूक्रेन के बीच दिन पर दिन युद्ध आगे बढ़ रहा है, तमाम देशों के बीच डर और दहशत का माहौल बढ़ता ही जा रहा है।
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा युद्ध बताया जा रहा है। इस युद्ध की शुरुआत 2014 में रूस और यूक्रेन की नाटकीय वृद्धि को दर्शाती है। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर दक्षिण – पश्चिम से हमला किया। इसकी शुरुआत 2021 में ही हुई थी जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
12 नवंबर 2021 से 20 फरवरी 2022 तक रूसी सैन्य निर्माण के बाद भी, रूस ने इस बात से इनकार किया कि वह यूक्रेन पर हमला करने की योजना बना रहा था। 24 फरवरी को पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में एक ‘विशेष सैन्य अभियान’ की घोषणा की। उसके कुछ ही समय बाद, यूक्रेन की राजधानी कीव सहित पूरे यूक्रेन में मिसाइलें गिरने लगीं।
दोनों देशों के बीच संघर्ष दिन पर दिन तेज हो गया है। रूस ने यूक्रेन के पहले बड़े शहर – खेरसॉन पर नियंत्रण करने का दावा किया। काला सागर के पास स्थित, खेरसॉन पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र का एक बंदरगाह शहर है।
इसी तरह की स्थिति यूक्रेन के एक अन्य बड़े कीव शहर में दिखाई दे रही है। यूक्रेन ने कहा कि रूसी सेना नागरिकों पर हमला कर रही है, प्रशासनिक भवनों, आवासीय क्षेत्रों और किंडरगार्टन को ध्वस्त कर रही है। हर दिन युद्ध में लोग बेघर हो रहे है, मारे जा रहे है। आम जनता इससे लगातार जूझ रही है।
हालांकि रूसी मीडिया का हवाला देते हुए हताहतों की सूचना देने वाली विदेशी एजेंसियों ने कहा कि संख्या की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही यूक्रेन की ओर से भी तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
लेकिन पहली बार रूस के एक मंत्रालय ने युद्ध में मरे हुए लोगों की आधिकारिक पुष्टि की।
- युद्धमेंमृत्युकीसंख्यापरबुधवारकोरूसीरक्षामंत्रालयकेप्रवक्ताइगोरकोनाशेनकोवनेकहाकियूक्रेनीसैनिकोंमेंसे 2,870 मारेगएहैं।
- रूसनेयेभीकहाकिलगभग 3,700 घायलहुएहैंऔर 572 कोपकड़लियागयाहै।
- यूक्रेनकेस्वास्थ्यमंत्रालयनेभी 27 फरवरीतक 352 व्यक्तियों (338 वयस्कोंऔर 14 बच्चों) केमारेजानेकीसुचनादी।
- इसकेसाथहीयूक्रेनकेमंत्रालयने 1,684 व्यक्तियों (1,568 वयस्कोंऔर 116 बच्चों) केघायलहोनेकीसूचनादी।
- यूक्रेनीसेनाकाकहनाहैकिकमसेकम 9,800 रूसीसैनिकमारेगएहै।
मास्को ने स्वीकार किया है कि रूसी सैनिक मारे गए और घायल हुए है, लेकिन उनका कहना है कि उनका नुकसान यूक्रेन को हुए नुकसान की तुलना में बहुत कम है।
विश्व के बाकी सभी राष्ट्र इस पर नजर रखे हुए है। और तो और कई देश बीच बचाव करके दोनों देशों के बीच शांति वार्ता को अंजाम देने की कोशिश में लगे हुए है। क्योंकि युद्ध से किसी का भला नहीं होगा, बस जान और माल का नुकसान ही होगा।
रूसी राज्य द्वारा संचालित समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती द्वारा एक साक्षात्कार में, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा: “हमारे वार्ताकार यूक्रेनी प्रतिनिधियों के साथ सुरक्षा गारंटी के बारे में तीसरा दौर की चर्चा के लिए तैयार हैं।”
यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधिमंडल दूसरे दौर की वार्ता शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। नवीनतम रिपोर्टों से पता चलता है कि वार्ता गुरुवार सुबह बेलारूस-पोलैंड सीमा के पास फिर से शुरू होगी। पहले दौर की वार्ता सोमवार को बिना किसी सफलता के समाप्त हो गया।
उम्मीद करते है कि जल्द ही दोनों देश किसी बात पर सहमत होंगे और इस भीषण युद्ध पर विराम लगेगा।