Site stats भारत के तमिलनाडु राज्य में हाथी ने सरकारी बस पर किया हमला, वीडियो देख सहमा सोशल मीडिया – Limelight Media

भारत के तमिलनाडु राज्य में हाथी ने सरकारी बस पर किया हमला, वीडियो देख सहमा सोशल मीडिया

तमिलनाडु से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक हाथी को सरकारी बस पर हमला करते देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो ने लोगों को दंग कर दिया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे हाथी बस की विंडशील्ड पर हमला करता है और उसे तोड़ देता है। अंदर बैठे यात्रियों की चीखें साफ सुनी जा सकती हैं।

हाथी से आमना-सामना

डेली मेल के अनुसार, यह घटना राज्य के नीलगिरि जिले में हुई। जानकारी के मुताबिक, बस कोटागिरि से मेट्टुपालयम तक जा रही थी। एक हाथी को रास्ता देने के लिए बस रोकी गई थी।

बस चालक की सूझबूझ

अचानक हाथी बस की ओर बढ़ा। बस चालक ने बस को पीछे करने की कोशिश की, लेकिन इससे हाथी और भी उत्तेजित हो गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे हाथी ने शीशा चकनाचूर कर दिया, लेकिन चालक अपनी सूझबूझ नहीं खोता। हाथी जैसे ही बस पर हमला करता है, वह यात्रियों को बस के पीछे की ओर ले जाने में जुट जाता है।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

इस घटना का वीडियो तेज़ी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो देखकर लोग दंग हैं। कई लोग बस चालक की बहादुरी और सूझबूझ की तारीफ कर रहे हैं, जिसकी वजह से जान-माल का बड़ा नुकसान होते-होते बच गया।

मानव-हाथी संघर्ष – एक बढ़ती हुई समस्या

तमिलनाडु में मानव-हाथी संघर्ष चिंता का एक प्रमुख कारण रहा है। वनों की कटाई और प्राकृतिक आवासों के नुकसान ने हाथियों को मानव बस्तियों के करीब आने के लिए मजबूर किया है। इसके परिणामस्वरूप फसलों को नुकसान, संपत्ति को नुकसान और यहां तक ​​कि मानव जीवन का नुकसान भी हुआ है।

वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि तमिलनाडु में मानव और हाथियों के बीच बढ़ते संघर्ष को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। सरकार और वन्यजीव संरक्षण समूह हाथियों के प्राकृतिक आवास को बहाल करने और मानव-पशु संघर्ष को कम करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

यह घटना इस बात की चिंताजनक याद दिलाती है कि मानव और जंगली जानवरों के बीच संतुलन कितना नाजुक हो सकता है। वनों की कटाई और प्राकृतिक आवासों के नुकसान को कम करके तमिलनाडु में मानव-हाथी संघर्ष को हल करने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ आम जनता को भी इन जंगल के दिग्गजों के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है।

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